सुनहरा संसार
मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में सत्तासीन कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में एसओजी की तरफ से पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 15 विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच गए हैं। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि वे भाजपा के कुछ नेताओं से संपर्क में हैं। साथ ही यह भी दावा किया जा रहा है कि उनके पास 16 कांग्रेस के और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है। ऐसे में राजस्थान की गलोत सरकार पर खतरा बढ़ गया है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में तख्तापलट के दौरान ही सचिन पायलट की सिंधिया से नजदीकी और गहलोत सरकार में उपेक्षा के कारण कयास लगा जा रहे थे कि यदि भाजपा में सिंधिया को सम्मानजनक स्थिति से नवाजा जाता है तो राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी अपने दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह भाजपा का दामन थामने में गुरेज करेंगे। इसके बाद भी न तो कांग्रेस हाईकमान ने और न ही प्रदेश नेत्रत्व ने स्थिति को गंभीरता से लिया, नतीजतन एक और बड़ा राज्य कांग्रेस के हाथ से खिसकता दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस नेता सिब्बल का तंज!
राजस्थान में कांग्रेस के संकट पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल ने चिंता जताई है. सिब्बल ने कहा है कि हम कब जागेंगे? उन्होंने कहा कि क्या हम तब जागेंगे जब हमारे घोड़े अस्तबल से निकल चुके होंगे।
बताया गया है कि पायलट ने अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है। इस बीच राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने सभी विधायकों को जयपुर तलब किया है। हालांकि, सचिन पायलट के साथ मौजूद विधायकों के गहलोत की मीटिंग में पहुंचने की उम्मीद कम ही है।