सुनहरा संसार
दलित किसान के बारे में गुना से आशीष की आंखों देखी
इस मामले का सच सामने आना ही चाहिए। सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह , प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, आप भी मीडिया फोबिया से ग्रसित हैं क्या? क्या आपने गुना के इस मामले की सच्चाई जानने की एक बार भी कोशिश की? या सिर्फ मीडिया के द्वारा बनाये गए प्रोपोगंडा के शिकार हो लिए?
मैं, मंगलवार को हुई किसान द्वारा अतिक्रमण की उस घटना का प्रत्यक्षदर्शी रहा हूँ। कल से पहले पूर्व में भी दो बार उस जमीन से अतिक्रमण हटाया गया था। शहर की एसडीएम शिवानी गर्ग के नेतृत्व में पिछले दिसंबर में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई थी। मुझे याद है दिसम्बर की उस भयानक सर्दी और ऊपर से बरसते पानी में वह अधिकारी भोर में 5 बजे उस स्थान पर अपने अमले के साथ पहुंची थी। अलसुबह ही उसने अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू की। इसी दौरान अतिक्रमणकारी गब्बू पारदी की पत्नी नाग कन्या ने 7-8 माह के बच्चे को जमीन पर पटकने की कोशिश की, जिसे उस महिला अधिकारी ने तत्परता दिखाते हुए अपनी गोद मे "कैच" कर लिया और एक बड़ी घटना होने से बचाई। उसने न केवल इस घटना को रोका बल्कि उक्त जमीन को पारदी परिवार से मुक्त करा कर संबंधित विभाग को सौंप दिया।
इसे उक्त विभाग की लापरवाही ही कहा जायेगा कि दिसंबर से जुलाई तक, 7 माह गुजर जाने के बाद भी वो निर्माण कार्य शुरू नहीं कर सके। इस दौरान पुनः इस जमीन पर अतिक्रमण कर फसल बो दी गयी। इसके बाद फिर एक बार विभाग ने कलेक्टर के समक्ष जमीन खाली कराने की गुहार लगाई। इससे बड़ी लापरवाही और उदासीनता क्या होगी कि संबंधित विभाग 7 माह में अपना काम शुरू नहीं कर पाया, जबकि 4 माह वह जमीन खाली पड़ी रही।
मंगलवार को संबंधित विभाग के आवेदन पर राजस्व अमला अतिक्रमण हटाने पहुंचा। इस दौरान उक्त जमीन को बटाई पर लिए पति-पत्नी शुरू से ही विरोध करते रहे। उसके बाद वे अपनी झोपड़ी की तरफ दौड़ लिए। मौके पर पहुंचा अमला कुछ समझ पाता, इससे पहले ही दोनों ने कीटनाशक दवा पी ली। आनन-फानन में जैसे ही दोनों को अस्पताल ले जाने लगे, तो उक्त व्यक्ति के भाई ने आकर महिला पुलिसकर्मी को धक्का देकर उसके साथ हाथापाई की और उसे गिरा दिया। महिला पुलिसकर्मी के साथ हाथापाई होती देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
मीडिया की भूमिका!
घटना के संबंध में मीडिया ने केवल लाठीचार्ज का वीडियो दिखाना शुरू किया। जबकि महिला पुलिसकर्मी के साथ हाथापाई के वीडियो को वे डकार गए। होना तो यह चाहिए था कि घटना का पूरा सच दिखाया जाता, पूरी वीडियो दिखाई जाती पर नहीं, उसमे मीडिया को मसाला नहीं मिलता। भोपाल तक अपनी पहुंच बताने का मौका नहीं मिलता।
खैर, सीएम ने गुना एसपी को हटा दिया है। और कलेक्टर को हटाने के निर्देश दे दिए हैं। पर सीएम साहब, आपके ऊपर तो प्रदेश के हर व्यक्ति की जिम्मेवारी है। एक बार पूरा सच जानने की कोशिश करते। सबसे पहले तो उस विभाग के प्रमुख पर कार्यवाही करते जिसने दो बार अतिक्रमण हटने के बाद भी काम शुरू नहीं किया, काश उसको भी इस गलती के लिए कोई सजा देते, जिसके कारण शासन और प्रशासन पर सवाल उठाए जा रहे हैं ।
(लेखक आशीष बरिष्ठ पत्रकार हैं)