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सुनहरा संसार
मध्यप्रदेश । प्रदेश में 15 साल बाद बमुश्किल सत्तारूढ़ हुई कांग्रेस मे पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच छिड़ी बयानी जंग के बाद सिंधिया समर्थकों ने भी मोर्चा खोल दिया, जो कांग्रेस के लिए अशुभ संकेत है । महिला कांग्रेस की प्रदेश पदाधिकारी रुचि ठाकुर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ज्योतिरादित्य सिंधिया से कैलाश वासी माधव राव सिंधिया द्वारा बनाई गई पार्टी को फिर से खड़ा करने की अपील तक कर डाली।
हालिया स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सिंधिया ने वचनपत्र का हवाला देकर सड़क पर उतरने का बयान दिया तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जबाव में जल्द उतरने की नसीहत तक दे डाली। इसके पहले मामला दिल्ली दरबार पहुंचा तथा प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने नेताओं के साथ बैठक करके प्रदेश में बिगड़ते राजनीतिक हालातों पर विराम लगाने की कोशिश भी की। इसके बाद अल्प प्रवास पर सिंधिया के गृह नगर ग्वालियर में आए मुख्यमंत्री ने सिंधिया के सवाल के जवाब पर बात संभालने के बजाय उल्टे सड़क पर उतरने की नसीहत ही दे दी, जिसकी उनसे कतई अपेक्षा नहीं थी क्योंकि इससे पहले सिंधिया के खिलाफ जो भी हमले हुए उनमें प्रत्यक्ष - अप्रत्यक्ष रूप से दिग्विजय सिंह को माना गया । जबकि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के लिए सिंधिया ने पूरी ताकत झोंक दी और उसी का परिणाम है कि आज प्रदेश में कमल को हटाकर कमलनाथ सरकार बनी है ।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस बयान ने विरोध की आग में घी का काम किया तो अन्य मंत्रियों के बयानी तीर भी छूटे, जिससे सिंधिया समर्थक काफी आहत हुए।
इसी बीच एक खबर और निकलकर आ रही है कि सिंधिया को प्रदेशाध्यक्ष के बाद अब राज्य सभा से भी रोकने की चाल शुरू हो गई है। इसके लिए सिंधिया विरोधियों ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मप्र से राज्य सभा पहुंचाने का पत्ता भी हाईकमान के सामने फेंक दिया है। वहीं प्रदेश में सरकार बनने के बाद सिंधिया की लगातार उपेक्षा से आहत सिंधिया समर्थक भी अपने नेता के सम्मान के लिए अब खुलकर विरोध में उतरने का मन बना चुके हैं। इसी के चलते आज जब पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया ग्वालियर थे इसी दौरान महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव रुचि ठाकुर ने सोशल मीडिया पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को संबोधित करते हुए एक अपील कर डाली है कि कैलाश वासी माधव राव सिंधिया द्वारा बनाई गई पार्टी, जिसका चुनाव चिन्ह " उगता सूरज" है, उसे फिर से जीवित करें। दरअसल इससे पहले स्वर्गीय माधव राव सिंधिया ने भी कांग्रेस से नाराज होकर विकास कांग्रेस बनाई थी, हालांकि बाद में वह वापस कांग्रेस में चले गए थे।
अब देखना यह है कि कांग्रेस आलाकमान मप्र में बिगड़ते राजनेतिक हालत और सिंधिया की उपेक्षा से आहत प्रदेश के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए कोई कड़े कदम उठाता है या फिर से प्रदेश में कांग्रेस को बदहाली की ओर धकेलता है।