व्यवस्था पर सवाल
सुनहरा संसार -
मध्यप्रदेश के सीधी जिले के अंतर्गत सिहावल तहसील में मंगलवार को रिश्वत देने का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया। जहां एक रामकली नाम की महिला बंटवारा कराने के लिए रिश्वत के रूप में भैंस लेकर जा पहुंची। महिला ने लिपिक के पास पहुंच कर कहा ''साहब मेरे पास रुपये नहीं हैं! इसी भैंस का दूध बेचकर 10 हजार रुपये आपको दिए फिर भी मेरा काम नहीं हुआ। अब रिश्वत के तौर पर आप मेरी भैंस ले लीजिए और मेरा नामांतरण-बंटवारा कर दीजिए, क्योंकि चार माह से रुपये देने के बाद भी मैं भटक रही हूं.''
जब महिला बतौर रिश्वत भैंस लेकर तहसील कार्यालय पहुंची तो सभी कर्मचारी व आसपास के लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। रिश्वत के इस अजीबोगरीब मामले को देखने के लिए भारी संख्या में लोग जुट गए।
बताया जाता है कि पहली मर्तबा घटित हुई इस तरह की घटना के बाद एसडीएम कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। कार्यालय के कर्मचारी महिला को भैंस वापस ले जाने दवाब बना रहे थे तो कई कार्रवाई हो जाने की धमकी दे रहे थे। घूंसखोरी से परेशान रामकली मौके पर ही भैंस के साथ डटी रही। बाद में जैसे तैसे उसे भैंस लेकर जाने के लिए राजी किया गया।
हैरान रहे अधिवक्ता और आमजन
एसडीएम कार्यालय के सामने रिश्वत के रूप में भैंस लेकर पहुंची महिला केा देखकर वहां कार्यरत अधिवक्ता हैरान रहे हैं। दूसरी सबसे बड़ी बात कि उस महिला ने यदि इतना बड़ा कदम उठाया है तो निश्चित ही उसकी पीड़ा रही होगी, जिसने प्रशासनिक मशीनरी में व्याप्त रिश्वतखोरी से तंग आकर इतना बड़ा कदम उठाया। देखना होगा कि जांच के बाद क्या सामने आता है।
हैरान रहे अधिवक्ता और आमजन
एसडीएम कार्यालय के सामने रिश्वत के रूप में भैंस लेकर पहुंची महिला केा देखकर वहां कार्यरत अधिवक्ता हैरान रहे हैं। दूसरी सबसे बड़ी बात कि उस महिला ने यदि इतना बड़ा कदम उठाया है तो निश्चित ही उसकी पीड़ा रही होगी, जिसने प्रशासनिक मशीनरी में व्याप्त रिश्वतखोरी से तंग आकर इतना बड़ा कदम उठाया। देखना होगा कि जांच के बाद क्या सामने आता है।