झन-झन थारेक झनक झन-झन....
सुनहरा संसार -
ग्वालियर- कत्थक नृत्य के रसिकों के लिए शनिवार की रात मंत्रमुग्ध कर देने वाली रही। कत्थक कलाकारों की यह महफिल सजी थी ग्वालियर व्यापार मेला के कला मंदिर रंगमंच पर, जिसमें कत्थक नृत्यांगनाओं ने अपने रसिकों को शानदार कदमताल कर भाव विभोर कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की अर्चना से हुई। मेला उपाध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल, संचालक व सांस्कृतिक कार्यक्रम संयोजक नवीन परांडे, शील खत्री, मेहबूब चेनवाले, सुधीर मंडेलिया, कांग्रेस अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश कौरव, मनीष बांदिल व लंदन से आईं मरीना राईट्स ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया। सुश्री संदीप तिवारी ने शिव पंचाक्षर स्तोत्र से नृत्य आरंभ करते हुए, ताल तीन ताल त तथारिकूकू त तथारिकूकू झन झन थारेक झनक झन पर अपनी कला की शानदार प्रस्तुति दी। जहान्वी अग्रवाल ने रूपक ताल में राम स्तुति की। जहान्वी ने श्री रामचंद्र कृपालु भजवन, हरण भववय धारुरम पर सुंदर प्रस्तुति दी।
शीना ने टीम के साथ की गणेश वंदना
संगीत विवि ग्वालियर की डॉ. अंजना झा की शिष्या शीना वाजपेयी ने गणेश एवं शिव वंदना की। उन्होंने विनीता कुशवाह, दामिनी, साल्वी, खुशबू मेहरा व रूचि विद्यार्थी के साथ डॉ राजेंद्र गंगानी द्वारा निर्देशित भाव कहूं कैसे सखी मुझे लाज लगी.... पर मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुति देकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित सौम्या मिश्रा ने द्रौपदी चीरहरण की मनोहारी प्रस्तुति दी। सौम्या ने तीन ताल में तराना पेश किया।
ग्यारह वर्षीय बालिका ने बांधा शमा.
कत्थक की अंतिम प्रस्तुति 11 वर्षीय बालिका किंजल सरकार ने दी। 5 वर्ष से कत्थक कर रही किंजल ने उठान, गंगा अवतरण, आमद, तराना, राधा-कृष्ण की ऐसी जुगलबंदी की श्रोता दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो गए। किंजल के नन्हें कदमों की थिरकन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया